विविध-संकलन

उ.वि. की हिंदी लेखनी

कहानियां (लघु कथाएं)

पीली साड़ी (कहानी, लघु कथा)

Tuesday, November 10, 2020
hindi kahani - Peeli Saree

शादी ब्याह का माहौल बहुत खुशी, बहुत उत्साह से भरा होता है। लेकिन कुछ लोग होते हैं, जो अपनी असुरक्षा और अपने व्यवहार से सारे माहौल को बिगाड़ देते हैं। जीवन भर की सुखद रेशमी यादों को टाट का पैबंद लगा देते हैं। 

ऐसे लोगों का लिहाज करने से अच्छा है, उन्हें ऐसे करारे जवाब मिलें, कि वो पाना चाहें तो सही रास्ते को पा जाएँ, वरना कम से कम दूसरों की खुशी के लम्हों को ना बिगाड़ें।

ख़बर के कंधे पर

Monday, October 26, 2020
hindi kahani - khabar ke kandhe par

जीवन में कुछ लोग ऐसे भी मिलते हैं, जो अपने मन की भड़ांस निकालने के लिए दूसरों को कोसते रहते हैं। अपने परिजनों को ताने मार मारकर ही उनको सुकून आता है।
अक्सर घर का माहौल अच्छा रखने के उद्देश्य से कई लोग ये सब "वर्बल अब्य़ूज़" सहन कर लेते हैं। पर क्या सही है सहते ही जाना ऐसा मानसिक शोषण? क्या हो जो प्रयत्न किया जाए उस सम्मान को पाने का जिसपर हर मनुष्य का अधिकार है।

रफ़्तार

Speed

बाल मन में बबूल के बीज बोयें, तो आम की अपेक्षा ना रखें
बचपन में गलत आदतों को अनुचित बड़ावा देने का दुष्परिणाम दर्शाती लघु कथा

ज्ञान-वर्धन

क्यों ज़रूरी है लॉकडाउन/कर्फ्यू?

कौन है ग समूह के लोग?

अभी भी कई लोग समझ नहीं पा रहे कि क्यों उन्हें अपने घरों में अनिश्चितकाल की जैसे कैद मिल गई है।

ये हमारे लिए क्यों आवश्यक है, पढ़ें और समझें।

गूगल प्लस से करें अपनी रचनाएं सुरक्षित

गूगल+ से चित्र पर टेक्सट जोड़े, फॉण्ट बदलें


चोरों / नक्कालों से इस तरह करें अपनी कृति की रक्षा

गूगल प्लस से चित्र पर “टेक्सट” या लिखित पंक्तियां जोड़कर, वाटरमार्क लगाएं, और अपनी रचना के स्वामी होने को प्रामाणिक करें. चित्रों में गूगल+ से टेक्सट/वॉटरमार्क के आरोपण/समावेश के सचित्र निर्देश.

फेसबुक हैश टैग - क्या होंगे अलग हट के?

फेसबुक हैश टैग - क्या होंगे अलग हट के?

चेहरों की किताब पर लगा # का ठप्पा
पिछले दिनों फेसबुक ने हैश टैग को अपनी सेवाओं में सम्मिलित करने की घोषणा की. ट्विटर (और गूगल+) का उपयोग करने वाले हैश टैग्‌स की महिमा से भली भांति परिचित है. तो फेसबुक पर कुछ अलग हट के होगा? या ये कदम नकल में अकल के अभाव का पर्याय सिद्ध होगा?

बसंत की सफाई में मुरझाया - गूगल रीडर को निगला गूगल

Google Reader Sayonara


अलविदा, रीडर

कम उपयोग होने वाले वेब उत्पादों की छंटनी की चपेट में गूगल रीडर - १ जुलाई २०१३ के बाद गूगल रीडर की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी.

कॉपीराइट और वॉटरमार्क के महत्व को समझें - २

तल्लीन तोता


हिंदी चिट्ठा जगत के लिए कुछ उपयोगी जानकारी

चित्र पर वाटरमार्क लगाना, यानि रचयिता द्वारा चित्र पर उसके अपने होने का प्रमाण अंकित करना है. वाटरमार्क युक्त चित्र के सर्वाधिकार सुरक्षित होते हैं, चाहे वो गूगल खोज के परिणामों में आया हो.

कॉपीराइट और वॉटरमार्क के महत्व को समझें - १


हिंदी चिट्ठा जगत के लिए कुछ उपयोगी जानकारी

कॉपीराइट उल्लघंन के कारण गूगल आपका ब्लॉग अस्थायी या स्थायी रूप से बंद कर सकता है. आपको चेतावनी मिले - ये ज़रूरी नहीं. यदि शिकायत करने वाले के पास उचित कारण हुए, तो बिना किसी सुधार के मौके के आप अपने ब्लॉग - रचनाओं, टिप्पणियों और उनसे जुड़ी कई अनमोल यादों से हाथ धो बैठेंगे. बॅकअप लेकर निश्चिंत ना हों - पाठकों से जुड़े नहीं रहेंगे...

कैसे लिखें अपना फेसबुक स्टेटस सन्देश हिंदी में

Facebook Status Message in Hindi
कुछ खास बातों को हिंदी में कह पाने का आनंद ही कुछ और है - अगर हिंदी कि चार पंक्तियाँ हो, और वो हिंदी में ही नज़र आएं तो क्या कहना.

अभिव्यक्त

सदा सदा के लिए

हिंदी लेख - अनुवाद | Happily Ever After

“और फिर राजकुमार अपनी सुंदर प्रियतमा को अपने साथ सफेद घोड़े पर बैठा कर ले गया, और वो सदा सदा के लिए एक होकर प्रसन्नता से जीने लगे।”

ज़्यादातर कहानियों का जब ऐसा ही अंत देखती थी मैं,
तो मन ही मन हमेशा ये सोचा करती थी मैं,
कि अगर मेरे पास ढेरों रुपए होते, तो जासूस लगवाती मैं,
पता करने कि क्या सच में सदा सदा के लिए रहता है वही प्रेम?
कि असल जीवन तो ऐसा नहीं होता… 

कि वो शुरु शुरु का खुमार सा,
वो नशा वो सुरूर वो सौंधा बुखार सा,

लगातार चढ़ा तो नहीं रह सकता…

देवरानी-जेठानी का.. पल्लू! ...और मैगी!!

Devrani Jethani ja Pallu Aur Maggi

देवरानी-जेठानी का.. पल्लू! ...और मैगी!!
विसंगत किरदारों की अनर्गल कहानी से प्रत्यारोपित होने वाली अनिष्टकारी सोच से आगाह करने की कोशिश करता है अभिव्यक्त का ये संस्करण.

सास, बहु और... ज़हर!

saas, bahu aur zahar

सास, बहु... और ज़हर!
एक सास की हत्या करने की योजना बनाने वाली बहु की कहानी पढ़ी, और कहानीकार की मंशा देखकर सिर पीटने का मन किया. तो एक मूर्खतापूर्ण कहानी प्रेरणा है इस लेख की. व्यंग्य है, या कटाक्ष, या यथार्थ की व्यथा कहता दर्पण है, आप स्वयं निर्धारित करें

हमारे देशवासी, “हम" देशवासी

Barren Branches

हमारे देशवासी, “हम" देशवासी
कल मेरा मन बहुत दु:खा... जहां केवल नापसंदगी, केवल असहमति काफी है, वहां घृणा के, ऐसी बेमतलब, बेवजह नफरत के बीज क्यों बोते हैं?
शर्म आ रही है, कि "हम" ऐसे हैं...

करवाई हंसी की बौछार | जयोम के मुख से | विविध - संकलन

Jayom ne karvai hansi ki bauchar

हा हा हा ये छोटा सा विदूषक हंसाने में बड़ा माहिर होता जा रहा है. बस, कभी कभी खुद समझ नहीं पाता, कि हम इतनी ज़ोर से क्यों हंस रहे हैं.

मेरा प्यारा नन्हा सुधारक | जयोम के मुख से | विविध - संकलन

ऐसे गलत बात होती है...

ज़रा गलती कर के तो देखो... कहां हम सोचते थे, कि जयोम की गलतियां सुधारकर उसे अच्छा बोलना सिखाएंगे, यहां तो जनाब दो साल के हुए हैं नहीं और अभी से हमारी गलतियां सुधार रहे हैं

मुझे नींद न आए | जयोम के मुख से | विविध - संकलन

सोच रहा है, और क्या करुं नींद भगाने के लिए

जब आए तो चलो नींद को भगाएं न सोने के और नींद भगाने के ढेर उपाय हैं जयोम के पास. नींद चाहे अपने सारे हथियार अपना ले, जयोम की आखों में नींद भरी होती है, उबासियां भी आतीं हैं,
पर उसके पास तरीके भी शानदार हैं से दुश्मन से निपटने के.

चीज़ों से बतियां | जयोम के मुख से

नटखट जयोम

जानता नहीं कि जान नहीं बेजान चीज़ें कहां सुनेंगीं जयोम की बातें, पर वो फिर भी उनसे बातें करता है.

जयोम के मुख से - एक प्यारी सी शुरुअात

बातूनी जयोम

मेरे नटखट जयोम के मुख से िनकली प्यारी बतियां बातूनी तो क्या कहूं, अभी तो बोलना सीख ही रहा है. पर इसकी ये सीखने की प्रक्रिया भी बड़ी प्यारी है. सवा साल के थे जनाब, जब पापा-मम्मा के अलावा कुछ शब्दों को अपनी प्यारी आवाज़ में बोलने लगे थे. और अब तो बस पूछो ही मत. कभी अटक अटक कर, कभी धाराप्रवाह वाक्य बोलते हैं जयोम जी. कभी गुस्सा दिखाते हैं, कभी प्यार, कभी रूठ जाते हैं, कभी होती है प्यारी सी मनुहार. और कई बार बस नकल, कभी बिना अकल, कभी डेढ़ अकल के साथ.

थारी म्हारी पंचायत - कुछ मजेदार जुमले चुगलखोरों के

Indian Women Gossiping

चलो चुगलखोरों की चुगली करें
पंचायती पड़ोसी हों या चुगलखोर रिश्तेदार, निम्न पंचायती जुमलों से आपका भी पाला पड़ा होगा. यदि पढ़ा होगा तो ये पढ़कर हंसी आनी तय है. सुनकर मन में बड़े अच्छे से जवाब आते हैं, जो हम दे नहीं पाते, बस खामोशी से मन ही मन मुस्कुरा देते हैं. अब हमारे मन में जो आता है, हमने तो लिख दिया...

चुटकुलों के मुख से

Hindi Jokes - Chutkule

चुटकुले के मुख से - हास्य व्यंग्य - बातचीत करते चुटकुले

दो चुटकुले साथ साथ जा रहे थे. पहला चुटकुला बहुत खुश था. हंसते हंसते उसका बुरा हाल था. दूसरा गुमसुम था, लग ही नहीं रहा था, कि चुटकुला समाज का ये भी सदस्य है.

मेरे कुछ यादगार फेसबुक स्टेटस संदेश

मेरे कुछ यादगार फेसबुक स्टेटस संदेश

कभी चेहरों की किताब पर साझा किए हुए

फेसबुक पर दोस्तों से कभी विचार बाँटे, कभी कुछ मज़ाक हुए, कभी कोई अनोखी घटना, कुछ प्यारी यादें, तो कभी कोई दिलचस्प कड़ी. कभी यूँ भी हुआ कि साझा करने लगे, और कुछ नया बन पड़ा… छोटी सी कविता, तुकबंदी या बेसिरपैर की पॅरोडी.

हस्तलिखित

A Writing Hand

लेखन की विधा का अनूठा सौंदर्य.
... लिखे अक्षर आपको मनोस्थिति का आभास भी करा सकते हैं. आप जान लेंगे की शब्दों में अभिव्यक्त भाव के अतिरिक्त लिखने वाले के मन में ...

कविताएं

कोरोना युद्ध के नन्हे सिपाही | बाल कविता

कोरोनावायरस - ये युद्ध है, हमें देना है पूरा साथ। बच्चों के नाम।

नन्हे जनुष का बच्चों के नाम संदेश है कविता कोरोना युद्ध के नन्हे सिपाही। (वीडियो)
कोरोना वायरस से चल रहे इस युद्ध में बच्चों का योगदान बड़ा महत्वपूर्ण है।
छोटे वीरों का उत्साह बढ़ाती बाल-कविता।

मेरे रिंगमास्टर का चिड़ियाघर

रिंगमास्टर और चिड़ियाघर? ये क्या झोल मेल है?

रिंगमास्टर? वो भी मेरा? और उसका चिड़ियाघर? रिंगमास्टर का तो सर्कस होता है ना? फिर? कुछ झोल-मेल है क्या?
अब क्या कहूं... कुछ बातें ऐसी भी होती हैं, कि उन्हें कहा नहीं जाता. पर क्या ही करें, बिन कहे भी रहा नहीं जाता. 
तो उपाय यूं था, कि सीधे से कहूं भी ना, और बिन कहे रहूं भी ना.
पहेली नहीं है, पर पहेली से कम भी नहीं है... ना ये कविता, ना मेरा रिंगमास्टर, ना उसका चिड़ियाघर
:-)

प्रेम के अनोखे स्वाद

प्रेम के अनोखे स्वाद - हिंदी कविता

प्रेम की विविधता असीम है... कौन कुछ शब्दों में बाँध पाया है. कुछ लोग मिले थे, प्रेम के खट्टे-मीठे-तीखे स्वाद को नकार रहे थे... उनका मानना था, कि मीठी बातें ही प्रेम को अभिव्यक्त करती शोभा देती हैं. उन्हीं विचित्र लोगों से प्रेरणा मिली इस रचना की.

छोटा सा ही हूं अभी, नन्हा सा...

छोटा सा ही हूं...

बाल शोषण की समस्या विकराल दैत्य की तरह है. इसके कई भयावह पहलू हैं. बच्चे को भूख लगने पर खा जाने वाले पशुता से भी अधिक गर्त में जा चुकी मनुष्यता का विकराल दर्पण है बाल शोषण. एक अबोध, निश्छल बाल मन को क्रूरता के अतिरेक से छले जाने का प्रतिरूप है बाल शोषण.

कभी कभी लगता है...

एक कविता जो मैंने अपने लिए लिखी है... बस यूं ही मन किया, कि कुछ ऐसा भी हो जो आप मुझी को समर्पित हो. मेरे बारे में कुछ बातें कहती कविता... कुछ अटपटी सी बातें, अटपटी पर असली. असली, मनचली हवा जो कभी मन मोह लेती है, और कभी चुगली बनकर गले में अटक जाती है.   

कभी चिड़ियों को आवाज़ बदलकर मैं आवाज़ लगाती हूँ,
कभी बंद कमरे में बिन बादल ही मोरनी-सा नाच रचाती हूँ, 
कभी घोड़ी का मानस धरकर यहां-वहां फुदकती फिरती हूँ,
और कभी, हाथ बांधे गांभीर्य ओड़ मैं इधर-उधर विचरती हूँ,
आंकलन करूं तो, दीवानेपन की गुगली तो मैं हूँ, 
कभी-कभी लगता है, थोड़ी सी पगली तो मैं हूँ

सितारों से पूछा

दीपावली पर लिखी हिंदी कविता

त्यौहारों में प्राचीन व धर्मसंगत विधि-क्रियाओं के अतिरिक्त समय के साथ जुड़ती हुई परंपराएं विकट परिस्थितियां उत्पन्न करती हैं. यह कविता सितारों से हुए काल्पनिक वार्तालाप के माध्यम से ऐसी ही एक समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास है. इस वार्तालाप में छिपे व्यंग्य से किंचित्‌ एक दंभ से भरा मानस के कुतर्क व अनर्गल कर्म को सही ठहराने के प्रयत्न की भी अनुभूति हो सके. 

मेरी प्यारी अध्यापिका - बाल कविता

Meri Pyari Adhyapika - Hindi Poem for kids

जयोम की कक्षा में वाक्‌ प्रतियोगिता के लिए लिखी एक छोटी सरल बाल कविता. 

घर छोड़ कर शुरु-शरू में स्कूल चला जब आता था,
मां को याद कर कर के, मैं बहुत आंसू बहाता था...

आया राखी का त्यौहार - रक्षाबंधन के त्यौहार को समर्पित कविता

Aaya Rakhi ka Tyohaar - Rakshabandhan ke Tyohaar ko Samarpit Kavita

रक्षाबंधन के त्यौहार को समर्पित कविता. .

रंग बिरंग नग-मनके जड़ी,
राखियां सजी छोटी-बड़ी,
समेटे धागे में स्नेह अपार,
आया राखी का त्यौहार,


रक्षाबंधन की रौनक त्यौहार के कुछ दिन पहले ही से छाने लगती है. मेरी टेबल पर, राखियों का छोटा सा ढेर लगा है. सारे भाइयों के लिए उनकी पसंद के हिसाब से राखियां ले आई..

खुशियों का मोल

खुशियों का मोल
अनमोल खुशियों का तोलमोल छोडें, इन्हें खरीदना, बेचना, चुराना, छीनना संभव नहीं. बस इनके योग्य बनने का प्रयत्न ही किया जा सकता है... इन्हीं भावों को शब्दों में पिरोती कविता...
नापा न जा सके खुशियों के मोल को
देखा है कभी मुस्कान के तोल को?

सच्चे पल, झूठे रिश्ते

सच्चे पल, झूठे रिश्ते
सच है कि रिश्ते अनमोल होते हैं. पर जीवन में कई अपवाद भी होते हैं.
दिखावे के रिश्तों के लिए जीवन के अनमोल पल, सच्ची भावनाएं ज़ाया न करें...
इन्हीं भावों को शब्दों में पिरोती कविता... 


प्यारी बहना दुल्हन बनी है

प्यारी बहना दुल्हन बनी है

रूचि की पहली सालगिरह आने को है, तो विविध-संकलन का ये संस्करण
रूचि, परिमल और उनकी शादी की यादों को समर्पित...  
प्यारी बहना दुल्हन बनी है, और उसके साज श्रृंगार का क्या कहना...

नया नया सा

Everything is new

कभी कभी यूँ भी होता है, कि सब कुछ नया नया सा लगता है, ऐसी ही अनुभूति को शब्दों में पिरोती कविता... 

नया नगर नया काम,
नयी सुबह नयी शाम...

संबल

White Pigeons Supporting each otherआकुल ह्रदय को संबल देती आशा
प्रतिकूल परिस्थिति में भी मन को संबल देती आशा की विजय को कविता में पिरोते शब्द...

संध्या का रंग सुनहरादमके जैसे संदल

अपरिचित पथ पर यूँ हीविचरित है मन चंचल...

एक लड़की अनोखी सी

बहुमुखी प्रतिभा के विविध रंग.
मेरी एक प्रतिभाशाली मित्र को समर्पित कविता. 
अनोखी सी एक लड़की से, हुई कुछ वक़्त पहले मुलाक़ात, जिसकी खूबियों के बखान में ढल सकती है रात...

दिल को समझाती हूँ मैं...

उम्मीद पर ही दुनिया कायम है...

अगर शिद्दत से चाहें तो ख्वाहिशें पूरी हो ही जाती हैं...