कॉपीराइट और वॉटरमार्क के महत्व को समझें - १

कॉपीराइट और वॉटरमार्क के महत्व को समझें - १

कॉपीराइट और वॉटरमार्क के महत्व को समझें - १

हिंदी चिट्ठा जगत के लिए कुछ उपयोगी जानकारी

पिछले कुछ दिनों में मैं हिंदी ब्लॉग जगत से सक्रिय पाठक बन जुड़ी. एक पोस्ट देखी - रिटर्न ऑफ़

इसमें ब्लॉगर ने अपने द्वारा प्रयोग में लाए पृष्ठचित्र के कारण हुए कॉपीराइट उल्लंघन का उल्लेख किया है, जिसके कारण उनकी पोस्ट ही नहीं, बल्कि समूचे ब्लॉग को ही गूगल ने ब्लॉक कर दिया था. ब्लॉगर ने उस चित्र को हटाया, तब कहीं गूगल ने उनके 'अदृश्य' हुए ब्लॉग को प्रकट होने की अनुमति दी.

आखिर क्या है ये कॉपीराइट, और कैसे बच सकते हैं हम इसके उल्लंघन से?

कॉपीराइट या सरल भाषा में नकल करने के (पुनः प्रकाशन) अधिकार के नियम बड़े सरल हैं. यदि कोई रचनात्मक कृति - लेख, कविता, चित्र (चाहे हाथ से बना हो या कैमरे से खींचा हुआ हो) आपकी स्वयं की नहीं है, तो बिना रचयिता की अनुमति के उसका किसी भी तरह का उपयोग कॉपीराइट का उल्लंघन है.

अपने ब्लॉग की सजावट के लिए चित्र खुद बनाएं या किसी मित्र से आग्रह करें और उसे स्कैन कर उपयोग करें. या कैमरे से खुद खींचें. किसी और का चित्र उपयोग करने से पहले उनसे लिखित में अनुमति लें तथा अपने ब्लॉग पर 'Disclaimer Section' में इसका उल्लेख करें.

ये अनुमति प्रायः लेने की आवश्यकता नहीं होगी.
१. या तो चित्र के 'सर्वाधिकार सुरक्षित' होंगे - जिस स्थिति में अनुमति माँगने से कोई लाभ नहीं - चित्र खरीदना पड़ेगा, या उपयोग निषेध होगा.
२. हो सकता है रचयिता ने आपको किसी खास तरह के या किसी भी तरह के उपयोग की 'पूर्वानुमति' दी हो.

अपने ब्लॉग पर किसी भी तरह का चित्र लगाने से पहले आप इस अनुमति की जाँच करने हेतु उस वेबसाइट पर, जहाँ ये चित्र प्रकाशित है, 'copyright' नाम का लिंक खोजें - ये पेज आपको बताएगा कि आप चित्र का कैसा उपयोग कर सकते हैं.

१. निजी उपयोग हेतु नि:शुल्क - इसके भी दो अलग प्रकार हैं. 'वॉलपेपर' (free wallpapers) के नाम से जाल पर उपलब्ध चित्र आपके कंप्यूटर की सजावट के लिए हैं, साइट/ब्लॉग जैसे सार्वजनिक प्रयोग हेतु नहीं. निजी उपयोग का दूसरा प्रकार है वह जब आप अपने किसी भी सार्वजनिक उपयोग के लिए चित्र उपयोग कर सकते हैं, लेकिन उसे बेच नहीं सकते हैं (share alike license)

२. नि:शुल्क किंतु श्रेय अनिवार्य - रचयिता आपको उपयोग की अनुमति देता है लेकिन शर्त ये है, कि आप उसे 'लिंक बॅक' कर श्रेय दें. आमतौर पर रचयिता आपको 'लिंक बॅक कोड' भी देगा, जिसको आपको कॉपी कर अपने पन्ने पर चिपकाना होगा. ये श्रेय अनिवार्य न होकर निवेदन हो सकता है - जिसको शिष्टाचार वश मान देना उचित होगा.

(इस वेबसाइट पर जितने चित्र वाटरमार्क युक्त नहीं हैं - वे ऊपर लिखे दूसरे प्रकार में आते हैं - नि:शुल्क किंतु श्रेय अनिवार्य.)

कॉपीराइट उल्लंघन से संभावित नुकसान

संभावित शब्द जितना गौर करने योग्य है - उतना ही ये कथन - चोरी पकड़ी ना जाए - तब तक चोर नहीं कहलाते. अब कहलाने की प्रतीक्षा करनी है या अपनी इमानदारी को सम्मान देना है, ये आपके हाथ में है.

जैसे उपरोक्त ब्लॉगर के साथ हुआ, वैसे ही अापके साथ हो सकता है. गूगल आपका ब्लॉग अस्थायी या स्थायी रूप से बंद कर सकता है. समझने की बात यह है कि, आपको चेतावनी मिले - ये ज़रूरी नहीं. यदि शिकायत करने वाले के पास उचित और तगड़े कारण हुए, तो बिना किसी सुधार के मौके के आप अपने ब्लॉग - रचनाओं, टिप्पणियों और उनसे जुड़ी कई अनमोल यादों से हाथ धो बैठेंगे. बॅकअप लेकर निश्चिंत ना हों - पाठकों से जुड़े नहीं रहेंगे - नए URL को सब तक पहुँचाना असुविधाजनक भी होगा, और अटपटा भी.

अगर आप खुद की साइट (ब्लॉगर के अतिरिक्त) पर लिखते हैं तो नुक़सान और ज़्यादा भी हो सकता है. शिकायतकर्ता आप पर मुकदमा भी दायर कर सकता है. विदेशी नियम बहुत कड़े हैं, और चाहे बहुत सुनने में न आएँ पर हमारे यहाँ भी उल्लंघनकर्ता का बहुत नुक़सान हो सकता है.

चोरी पकड़ी जाएगी

अक्सर लोग सोचते हैं, कि अंतरजाल पर किसी का चित्र उपयोग करेंगे - क्या फर्क पडे़गा, रचयिता को कोई नुक़सान नहीं, और तो और, रचयिता को जानकारी ही कैसे मिलेगी? कैसे साबित हो सकेगा कि प्रकाशक चित्र का स्वामी नहीं?

हस्तरचित कृतियाँ तो रचयिता पहचान ही लेते हैं. उनके पास अक्सर प्रमाण भी होते हैं. ये प्रमाण बेहद आधुनिक 'डिजिटल सिग्नेचर' प्रणाली के द्वारा निर्मित होते हैं - और मान्य होने के साथ साथ इनकी काट प्रस्तुत करना प्रायः संभव नहीं होता.

कैमरे से रची और हस्तरचित कृतियाँ दोनों ही वॉटरमार्क से सुरक्षित हो सकती हैं. वॉटरमार्क प्रमाण ही नहीं घर पर लगा ताला भी है - जो ये बताता है कि चित्र के सर्वाधिकार सुरक्षित हैं.

वॉटरमार्क के बारे में अधिक जानने और नि:शुल्क चित्र संग्रह की जानकारी हेतु अगला लेख पडे़ं.

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