सोशल मीडिया पर शिष्टाचार पूर्ण और व्यवहारिक आचरण
सोशल मीडिया पर शिष्टाचार पूर्ण और व्यवहारिक आचरण
फेसबुक, गूगल प्लस आदि सोशल मीडिया साइट्स के उपयोग हेतु सुझाव
सोशल मीडिया की साइट्स यानि फेसबुक गूगल प्लस आदि को उपयोग में लाने के अपने कायदे हैं, और इनका अनुसरण करने के बड़े फायदे हैं. और इनका अनुसरण न करने का सबसे बड़ा नुकसान - आप यदि लोगों की असुविधा का कारण बनेंगे, तो हो सकता वे आपको अनफॉलो, या अनफ्रेंड कर दें - यानि अपने फेसबुक मित्रों की सूची या गूगल प्लस मंडलियों से निकाल दें.
एक विचित्र बात जो मैंने लोगों को करते देखी, वो थी, गूगल प्लस पर +१ या फेसबुक पर लाइक करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अलग से टिप्पणी कर धन्यवाद देना. ये विचित्र इसलिए है, कि सर्वप्रथम तो लाइक / +१ करने वाले को आपकी पोस्ट पर हो रही गतिविधि - जिसमें आपकी “धन्यवाद” कहती टिप्पणी शामिल है - उसका नोटिफिकेशन नहीं जाता. तो ज़्यादा संभावना ये होगी, कि लाइक/+१ करने वाले तक आपका आभार पहुंचेगा नहीं. मान लीजिए, कि उन्होंने दोबारा आपका पोस्ट देखा तो उन्हें केवल आखरी की २-३ टिप्पणियां दिखाई देंगी, और एक “See more” का लिंक दिखाई देगा. उसपर क्लिक कर के वो अपना नाम ढ़ूंढ सके तो आपको "स्वागत है” कह भी दें शायद. (पर इसका अंजाम जानेंगे तो शायद ही कहेंगे - क्यों, ये आगे पढ़ें.)
वैसे, लिखित धन्यवाद, मेरे सोशल मीडिया के व्यवहारिक ज्ञान के अनुसार उनका बनता है, जिन्होंने आपके पोस्ट पर टिप्पणी की हो. फिर भी, अगर आप धन्यवाद देना ही चाहें, तो हर लाइक पर न फेसबुक खोल कर कमेंट कॉपी-पेस्ट न करें. संयम रखें, प्रतीक्षा करें, और जब कुछ लाइक्स इकट्ठे हो जाएं, तो सारे नामों को एक साथ संकलित कर, एक ही टिप्पणी में उन्हें धन्यवाद दे दें.
सोच कर देखें, हो सकता है, आपके कुछ पाठक उस पोस्ट पर सार्थक चर्चा करना चाहें. और कुछ पाठक उस चर्चा को पढ़ना चाहें, ऐसी ढेर सारी टिप्पणियां कर के आप उनका काम मुश्किल कर देंगे.
आमतौर पर जब मैं किसी पोस्ट पर ढेर सारी टिप्पणियों का नंबर, और “see more” का लिंक देखती हूं, तो मैं सोचती हूं, कुछ अच्छी चर्चा होगी जो यहां पर हो रही होगी. लेकिन अगर क्लिक कर ये पाऊं, कि यहां तो बस धन्यवाद की भरमार है (खोदा पहाड़, निकला आभार), तो अगली बार, मैं इस फेसबुक या गूगल प्लस उपभोक्ता कि पोस्ट पर “See more” पर क्लिक ही नहीं करूंगी.
तो कोशिश करें, अपनी ही पोस्ट पर, स्वयं की टिप्पणियों की संख्या थोड़ी कम रखने की.
दूसरी विचित्र बात मैंने ये देखी, कि कुछ लोग किसी फोटो या पोस्ट में ऐसे लोगों को टॅग कर देते हैं, जिनका उस पोस्ट से कोई संबंध नहीं है. ऐसे में, एक तो उन्हें नोटिफिकेशन चला जाता है, जिसके लिए शायद आप कहेंगे, तो क्या हुआ, लेकिन उनका सोचिए जिन्हें रोज़ के पचासों नोटिफिकेशन आते हैं. (यदि वे आपके पोस्ट्स की नोटिफिकेशन्स चाहते हैं, तो आपको स्वयं ही अपने नज़दीकी मित्रों की सूची में शामिल कर लेंगे. इस विषय में आगे पढ़ें ) दूसरी और ज़्यादा बड़ी समस्या होगी, कि आपकी पोस्ट उनकी टाइमलाइन पर भी दिखाई देगी. हो सकता है, कि आपकी पोस्ट, या फोटो आपके मित्र अपनी टाइमलाइन पर न दिखाना चाहें. जब तक वो आपका टॅग नहीं देखते, उनकी मर्ज़ी के बिना भी आपकी पोस्ट उनके मित्रों को दिखाई देगी.
सोच समझ कर टॅग करें. आपके बहुत नज़दीकी मित्र, या जो वाकई उस चित्र में हों, या उनका उस पोस्ट से कुछ सार्थक संबंध हो, तभी उन्हें टॅग करें.
और यदि आप अपने मित्रों द्वारा ऊलजलूल चित्रों में आए दिन टॅग किए जाने से परेशान हैं, तो इसे रोकने के लिए, तो निम्न फेसबुक सेटिंग का प्रयोग करें. इससे आपके मित्र जब आपको टॅग करेंगे, तो फेसबुक पहले आपकी अनुमति लेगा, तभी पोस्ट को आपकी टाइमलाइन पर दर्शाएगा.
फेसबुक पर लॉगिन करें, और इस लिंक पर जाएं
और
सेटिंग को इनेबिल कर दीजिए, इस चित्र में दर्शाए अनुसार
और जिन खास मित्रों के हर पोस्ट के लिए आप “सूचना” चाहें, उन्हें आप अपने “close friends” सूची में शामिल कर सकते हैं. इसके लिए अपने मित्र की प्रोफाइल पर जाएं, या केवल उनके नाम की लिंक पर “हॅवर” करें, यानि अपना कर्सर वहां लेकर जाएं, और रुकें, फिर चित्र में दर्शाए अनुसार, उन्हें खास मित्रों की इस सूची में जोड़ लें.
इसके अतिरिक्त, किसी पोस्ट पर यदि आपके टिप्पणी करने के बाद, बहुत सी टिप्पणियां आ रही हों, (कई बार बधाई की टिप्पणियाँ सैंकड़ों की संख्या में आती हैं) और आप उनके नोटिफिकेशन न चाहते हों, तो उस पोस्ट पर जाकर, चित्र में दर्शाए अनुसार, “turn off notifications” पर क्लिक कर दें.
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